पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग डिवीजन समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के लिए करारों/समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करना, समुद्री परिवहन समझौते के लिए आसियान, यूरोपीय संघ, बिमस्टेक एवं ईएफटीए के साथ नियमित रूप से संयुक्त कार्यकारिणी समूह की बैठकें आयोजित करना एवं वार्ता करना सहित विदेशी समुद्री देशों के साथ समुद्री मामलों पर कार्य करता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रमुख विनियामक निकाय, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ), जिसका भारत एक सदस्य है, से संबंधित कार्य भी इस डिवीजन में किए जाते हैं, इनमें आईएमओ बैठकों में भाग लेने के लिए अधिकारियों को प्रतिनियुक्त करना और आईएमओ बैठकों के दौरान चर्चा के लिए कार्यसूची की विभिन्न मदों पर भारत के दृष्टिकोण को अंतिम रूप देना शामिल हैं। इसके अलावा, यह डिवीजन विदेश मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में विदेशी राष्ट्रों के साथ उच्च स्तर के अधिकारियों की बैठकों के लिए नौवहन क्षेत्र से संबंधित मामलों पर निविष्टियों को समेकित करता है।
क. बहुपक्षीय संगठनों के साथ सहयोग
A. COOPERATION WITH MULTILATERAL ORGANIZATIONS
भारत वर्ष 1959 में अंतर्राष्ट्रीय मैरीटाइम संगठन (आईएमओ) का सदस्य बना, जो पोत परिवहन की सुरक्षा, संरक्षण एवं पर्यावरणीय निष्पादनके लिए वैश्विक मानक निर्धारित करने वाला प्राधिकरण है और यह संगठन यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे मानक उचित एवं प्रभावशाली हों तथा इन्हें वैश्विक आधार पर अपनाया एवं कार्यान्वित किया जाए। भारत आईएमओ का एक सक्रिय भागीदार है। वस्तुत: आईएमओ में अपनी भागीदारी से भारत को अपने विकासात्मक विचारों को अंतर्राष्ट्रीय मैरीटाइम समुदाय तक पहुंचाने में मदद मिली है। भारत आईएमओ परिषद का सदस्य रहा है और दिनांक 02 दिसंबर, 2017 को आयोजित आईएमओ परिषद के चुनावों के दौरान दूसरे सबसे अधिक मत प्राप्त कर 2018-19 द्विवर्ष के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक रुचि वाले देशों के प्रतिनिधि के रूप में श्रेणी ‘ख’ के अंतर्गत भारत को आईएमओ परिषद के सदस्य के रूप में दुबारा चुना गया। आईएमओ, कन्वेंशनों/प्रोटोकॉलों के रूप में विभिन्न संधियों को स्वीकृत एवं कर्यान्वित करता है। हमारे राष्ट्रीय हितों और आईएमओ द्वारा अपनी संधियों के माध्यम से विकसित अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए, समय-समय पर भारत आईएमओ द्वारा अपनाई गई संधियों का पक्षकार बनता आ रहा है। आज की तारीख तक आईएमओ ने 67 संधियों को अपनाया है, भारत 33 संधियों (कन्वेंशनों/प्रोटोकॉलों) में पक्षकार है, जिनको भारतीय घरेलू विधान, अर्थात् वाणिज्यिक पोत परिवहन अधिनियम, 1958 में सफलतापूर्वक उचित रूप से शामिल किया गया है।
- वर्तमान में तीन आईएमओ कन्वेंशनों नामत:
क) इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन सिविल लायबिलिटी फॉर बंकर ऑयल पॉल्यूशन डैमेज, 2001
ख) इंटरनेशनल कन्वेंशन फॉर द कन्ट्रोल एण्ड मैनेजमेंट ऑफ शिप्स बल्लास्ट वाटर एण्ड सेडिमेंट्स, 2004; और
ग) द हांगकांग कन्वेंशन फॉर सेफ एण्ड एन्वायर्नमेंटली साउंड रीसाइक्लिंग ऑफ शिप्स, 2009, को मंत्रालय द्वारा भारत को इनके वैधानिक प्रस्तावों का पक्षकार बनने के लिए अपना लिया है इन कन्वेंशनों के प्रावधानों को शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है और इन विधानों के अधिनियमन के बाद, भारत द्वारा इन कन्वेंशनों की स्वीकृति/अनुसमर्थन के बारे में आईएमओ को सूचित किया जाएगा।
- इनके अलावा, भारत नाविकों के कल्याण के उद्देश्य से बनाए गए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के दो महत्वपूर्ण कन्वेंशनों का पक्षकार है नामत: मैरीटाइम लेबर कन्वेंशन और सीफेरर्स आईडेंटिटी डॉक्युमेंट कन्वेंशन। भारत पोत परिवहन उद्योग में कुल कार्यबल के 6 से 7 प्रतिशत का योगदान देता है। फिलिपीन्स के बाद भारत में नाविकों की दूसरी सबसे अधिक संख्या है। आईएलओ ने भी समुद्री उद्योग के लिए मानकों को अनिवार्य बनाया है। मैरीटाइम लेबर कन्वेंशन एकल, सुसंगत कानून है जो 1920 से स्वीकृत किए गए 37 आईएलओ मैरीटाइम लेबर कन्वेंशनों को प्रतिस्थापित एवं समेकित करता है।
- आईएमओ के अलावा, भारत, आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशिया नेशन्स); बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बै ऑफ बंगाल पहल (बिमस्टैक); क्षेत्रीय सहयोग के लिए हिंद महासागर रिम-एसोसिएशन (आईओआरए); अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) आदि जैसे अन्य बहुपक्षीय संगठनों/ समझौतों में महत्वपूर्ण रूप से योगदान देता आ रहा है।
ख. समुदी परिवहन सहयोग दस्तावेज़/व्यवस्थाएं
B. MARITIME TRANSPORT COOPERATION INSTRUMENTS/ARRANGEMENTS
भारत के समुद्री क्षेत्र की वृद्धि को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ भारत के समुद्री हितों के संरक्षण के लिए भारत व्यवस्थाओं एवं समझौता ज्ञापनों के माध्यम से अन्य समुद्री देशों और क्षेत्रीय समूहों के साथ सहयोग दस्तावेज़ों/व्यवस्थाओं में शामिल हुआ है।
इन सहयोगी व्यवस्थाओं की सूची एवं स्थिति नीचे दी गई है:
trw publication
Description | Month | Year | Download |
---|---|---|---|
Monthly Cargo Traffic handled at Major ports up to and during March, 2024 | Mar | 2024 | |
Monthly Cargo Traffic handled Non-Major ports up to and during March, 2024 | Mar | 2024 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major ports during and up to February, 2024 | Feb | 2024 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Non-Major ports during and up to February, 2024 | Feb | 2024 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major ports up to and during January, 2024 | Jan | 2024 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Non-Major ports up to and during January, 2024 | Jan | 2024 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major ports up to and during December, 2023 | Dec | 2023 | |
Monthly Cargo handled at Non-Major Ports December 2023.pdf | Dec | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major Ports up to and during November, 2023 | Nov | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Non-Major Ports up to and during November, 2023 | Nov | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major Ports up to and during October, 2023 | Oct | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Non-Major Ports up to and during October, 2023 | Oct | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major Ports up to and during September 2023 | Sep | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic Handled At Non-Major Ports Up To And During September 2023 | Sep | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major Ports up to and during August 2023 | Aug | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Non-Major Ports up to and during August 2023 | Aug | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major Ports up to and during August 2023 (Hindi Version) | Aug | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Non-Major Ports up to and during August 2023(Hindi Version) | Aug | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major Ports up to and during July 2023(Hindi Version) | Jul | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Non-Major Ports up to and during July 2023(Hindi Version) | Jul | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Major Ports up to and during June 2023 | Jun | 2023 | |
Monthly Cargo Traffic handled at Non-Major Ports up to and during June 2023 | Jun | 2023 | |
Monthly Cargo handled at Major ports during September 2022(Hindi Version) | Sep | 2022 | |
Monthly Cargo handled at Non-major ports during September 2022(Hindi Version) | Sep | 2022 |